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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया मौजूदा मोदी सरकार का आखिरी बजट, देखिए क्या रहा खास

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया मौजूदा मोदी सरकार का आखिरी बजट, देखिए क्या रहा खास

नई दिल्ली- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार, एक फरवरी को मौजूदा मोदी सरकार का आखिरी बजट पेश किया। उन्होंने 58 मिनट भाषण दिया। यह अंतरिम बजट है, क्योंकि अप्रैल-मई में आम चुनाव होने हैं। नई सरकार बनने के बाद पूर्ण बजट जुलाई में पेश होने की उम्मीद है। वित्त मंत्री सीतारमण के कार्यकाल का यह छठा बजट है।
वित्त मंत्री ने कहा, ‘हमने अंतरिम बजट की परंपरा को जारी रखा है। यही वजह है कि सरकार ने किसी तरह की घोषणाएं करने से परहेज किया।’ हालांकि अंतरिम बजट में 4 सेक्टर्स पर फोकस रहा। गरीब, महिलाएं, युवा और अन्नदाता (किसान)।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में आम जन से जुड़ी योजनाओं पर बड़े ऐलान किए। संसद में अंतरिम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, कोविड के बावजूद हमने पीएम आवास योजना (ग्रामीण) के तहत 3 करोड़ घर बनाने का काम पूरा हुआ। अगले 5 साल में 2 करोड़ और घर बनाए जाएंगे।
पहले आम लोगों से जुड़ी 2 बड़ी बातें
1. इनकम टैक्स स्लैब: सरकार ने आम आदमी को इस बार इनकम टैक्स में कोई राहत नहीं दी है। टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया।

2. कुछ भी सस्ता या महंगा नहीं हुआ: इस बार बजट में कुछ भी सस्ता या महंगा नहीं हुआ है। ऐसा क्यों? ऐसा इसलिए क्योंकि 2017 में लागू किए गए GST के बाद से बजट में केवल कस्टम ड्यूटी, एक्साइज ड्यूटी को बढ़ाया या घटाया जाता है, जिसका असर गिनी-चुनी चीजों पर पड़ता है।

4 सेक्टर्स पर फोकस रहा

1. गरीबों के लिए: सरकार ने 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला। गरीब कल्याण योजना में 34 लाख करोड़ रुपए खातों में भेजे।

2. महिलाओं के लिएः करीब 1 करोड़ महिलाएं लखपति दीदी बनीं। अब 3 करोड़ लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य है।

3. युवाओं के लिए: स्किल इंडिया मिशन के तहत 1.4 करोड़ युवाओं को ट्रेंड और 54 लाख लोगों को दोबारा से सिखाया गया। 3 हजार नई आईटीआई बनाई गईं। उच्च शिक्षा के लिए 7 IIT, 16 IIIT, 7 IIM, 15 AIIMS और 390 यूनिवर्सिटी स्थापित कीं।

4. अन्नदाता (किसान): पीएम किसान योजना से 11.8 करोड़ लोगों को आर्थिक मदद मिली है।

इस बार बजट में कुछ भी सस्ता या महंगा नहीं हुआ है। ऐसा क्यों? ऐसा इसलिए क्योंकि 2017 में लागू किए गए GST के बाद से बजट में केवल कस्टम ड्यूटी, एक्साइज ड्यूटी को बढ़ाया या घटाया जाता है, जिसका असर गिनी-चुनी चीजों पर पड़ता है।

तो इस बार सरकार ने कस्टम ड्यूटी या एक्साइज ड्यूटी में कोई भी बदलाव नहीं किया है। ऐसे में यहां हम बीते एक साल में आम जरूरत की चीजों के दाम कितने बढ़े या घटे उसके बारे में बता रहे हैं।

तुअर दाल 110 रुपए से बढ़कर 154 रुपए किलो पर पहुंची बीते एक साल में तुअर दाल 110 रुपए से बढ़कर 154 रुपए किलो पर पहुंच गई। वहीं इस साल चावल 37 रुपए से बढ़कर 43 रुपए प्रति किलोग्राम पर पहुंच गया है।

इसी तरह रोजाना उपयोग होने वाले सामान जैसे दूध, शक्कर, टमाटर और प्याज के दाम भी बढ़े हैं। हालांकि गैस सिलेंडर सहित कई अन्य चीजों के दाम में गिरावट भी देखने को मिली है।
इनडायरेक्ट टैक्स के बढ़ने- घटने से सस्ते-महंगे होते प्रोडक्ट बजट में प्रोडक्ट के सस्ते और महंगे होने को समझने के लिए सबसे पहले टैक्सेशन सिस्टम को समझना होगा। टैक्सेशन को मोटे तौर पर डायरेक्ट टैक्स और इनडायरेक्ट टैक्स में बांटा गया है:

1. डायरेक्ट टैक्सः इसे लोगों की आय या मुनाफे पर लगाया जाता है। इनकम टैक्स, पर्सनल प्रॉपर्टी टैक्स जैसे टैक्स इसमें आते हैं। डायरेक्ट टैक्स का बोझ वह व्यक्ति ही वहन करता है जिस पर टैक्स लगाया गया है और इसे किसी और को पास नहीं किया जा सकता है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) इसे गवर्न करती है।

2. इनडायरेक्ट टैक्सः इसे वस्तुओं और सेवाओं पर लगाया जाता है। कस्टम ड्यूटी, एक्साइज ड्यूटी, GST, VAT, सर्विस टैक्स जैसे टैक्स इसमें आते हैं। इनडायरेक्ट टैक्स को एक व्यक्ति से दूसरे को शिफ्ट किया जा सकता है।

जैसे होलसेलर इसे रिटेलर्स को पास करता है, जो इसे ग्राहकों को पास कर देते हैं। यानी, इसका असर अंत में ग्राहकों पर ही पड़ता है। इस टैक्स को सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स (CBIC) गवर्न करती है।

GST के दायरे में 90% प्रोडक्ट अब ऐसे कम ही प्रोडक्ट हैं जो बजट में सस्ते या महंगे होते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि 2017 के बाद लगभग 90% प्रोडक्ट्स की कीमत GST पर निर्भर करती है। GST से जुड़े सभी फैसले GST काउंसिल लेती है।

इसलिए बजट में इन प्रोडक्ट्स की कीमतों में कोई बदलाव नहीं होता है। बचे हुए प्रोडक्ट का बजट में सस्ता या महंगा होना कस्टम और एक्साइज ड्यूटी जैसे इनडायरेक्ट टैक्स के बढ़ने और घटने पर निर्भर करता है।

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त  करते हुए कहा है कि यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय वित्त मंत्री सीता रमण द्वारा पेश बजट सर्वहितैषी और सर्व समावेशी है।

बजट 2024-25, गरीब, महिला, युवा और किसान समेत सभी वर्गों का कल्याण करने वाला है

 

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