Ias transfar:मध्यप्रदेश में आधी रात को 26 आईएएस अधिकारियों के तबादले, सीएम सचिवालय में बड़े फेरबदल
मध्यप्रदेश में एक बार फिर सरकार ने आईएएस अधिकारियों के बड़े पैमाने पर तबादले किए हैं। सोमवार देर रात जारी किए गए तबादला आदेश में 26 आईएएस अधिकारियों के विभाग बदले गए हैं। इनमें से कई वरिष्ठ अधिकारियों को महत्वपूर्ण विभागों का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। खास बात यह है कि इस बार भी आदेश आधी रात के बाद जारी किए गए, जो कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सरकार की एक खास पहचान बन चुका है।
इन अधिकारियों के हुए तबादले
1. मनु श्रीवास्तव – एसीएस, ऊर्जा विभाग, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग और खेल एवं युवा कल्याण का अतिरिक्त प्रभार।
2. नीरज मंडलोई – एसीएस, नगरीय विकास एवं आवास और ऊर्जा विभाग, पावर मैनेजमेंट कंपनी का अतिरिक्त प्रभार।
3. संजय कुमार शुक्ला – प्रमुख सचिव, मुख्यमंत्री, महिला एवं बाल विकास, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी व विमानन विभाग।
4. उमा कांत उमराव – प्रमुख सचिव, श्रम विभाग और खनिज एवं श्रम विभाग, पशु पालन एवं डेयरी का अतिरिक्त प्रभार।
5. राघवेन्द्र सिंह – प्रमुख सचिव, मुख्यमंत्री, लोकसेवा प्रबंधन, उद्योग विभाग का अतिरिक्त प्रभार।
6. गुलशन बामरा – प्रमुख सचिव, पर्यावरण और जनजातीय कार्य।
7. ई रमेश कुमार – प्रमुख सचिव, जनजातीय कार्य एवं अनुसूचित जनजातीय कल्याण विभाग।
8. नवनीत मोहन कोठारी – सचिव, एमएसएमई एवं आयुक्त उद्योग, सचिव, पर्यावरण विभाग, महानिदेशक, एफ्को का अतिरिक्त प्रभार।
9. श्रीमन शुक्ल – आयुक्त, शहडोल संभाग और आयुक्त, आदिवासी विभाग।
10. मदन विभीषण नागरगोजे – सदस्य, राजस्व मंडल ग्वालियर और आयुक्त, हस्तशिल्प एवं हाथकरघा।
11. सुरभि गुप्ता – सचिव, चिकित्सा शिक्षा और आयुक्त, शहडोल संभाग।
12. दिलीप कुमार– प्रबंध संचालक, कृषि और आयुक्त, उद्योग और प्रबंधन संचालक, लघु उद्योग निगम का अतिरिक्त प्रभार।
13. प्रियंका दास– मिशन संचालक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और अपर सचिव, एमएसएमई।
14. प्रीति मैथिल– अपर सचिव, श्रम विभाग और अपर सचिव, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण।
15. मनीष सिंह– आयुक्त, हाउसिंग बोर्ड और अपर सचिव, परिवहन विभाग, एमडी, राज्य सड़क परिवहन।
16. अनुराग चौधरी – एमडी, खनिज निगम और अपर सचिव, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण।
17. मोहित बुंदस– प्रबंध संचालक, हस्तशिल्प एवं हाथकरघा और आयुक्त, रेशम, वन विभाग में अपर सचिव का अतिरिक्त प्रभार।
18. मनोज पुष्प – संचालक, पंचायती राज और आयुक्त पंजीयक, सहकारी संस्थाएं।
19. गौतम सिंह – परियोजना संचालक, स्किल डवलपमेंट प्रोजेक्ट और अपर सचिव, राजस्व विभाग।
20. गिरिश शर्मा – अपर सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग और परियोजना संचालक, स्किल डवलपमेंट प्रोजेक्ट तथा तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग का अतिरिक्त प्रभारी।
21. पंकज जैन – प्रबंध संचालक, पब्लिक हेल्थ सर्विसेज कॉर्पोरेशन और प्रबंध संचालक, मध्यप्रदेश भवन विकास निगम, सदस्य सचिव, मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का अतिरिक्त प्रभार।
22. निधि निवेदिता – प्रबंध संचालक, महिला वित्त एवं विकास निगम और प्रबंध संचालक, मत्स्य महासंघ, उपसचिव, मछुआ कल्याण का अतिरिक्त प्रभार।
23. कुमार पुरुषोत्तम– उप सचिव, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण और प्रबंध संचालक, कृषि मंडी बोर्ड।
24. उमा महेश्वरी आर – अपर मिशन संचालक, राज्य शिक्षा केंद्र और सह संचालक, भारतीय चिकित्सा पद्धति एवं होम्योपैथी, एफ्को का अतिरिक्त प्रभार।
25. डॉ. सलोनी सिडाना – सह संचालक, भारतीय चिकित्सा पद्धति एवं होम्योपैथी, एफ्को का अतिरिक्त प्रभार और मिशन संचालक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, प्रबंध संचालक, पब्लिक हेल्थ कॉर्पोरेशन का अतिरिक्त प्रभार।
26. सुचिस्मिता सक्सेना– उप सचिव, राजस्व और उप सचिव, लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग।

सीएम सचिवालय में बड़ा फेरबदल
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के दोनों प्रमुख सचिवों, संजय कुमार शुक्ला और राघवेंद्र कुमार सिंह, को उनके पद से हटा दिया गया है। इन दोनों अधिकारियों को अब अन्य विभागों का प्रभार सौंपा गया है। संजय शुक्ला को प्रमुख सचिव नगरीय विकास और आवास विभाग की जिम्मेदारी दी गई है, जबकि राघवेंद्र सिंह को प्रमुख सचिव उद्योग, एमएसएमई और आनंद विभाग का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
सीएम सचिवालय में फेरबदल के बाद, डॉ. राजेश राजौरा को अपर मुख्य सचिव (एसीएस) बनाए रखा गया है। राजौरा के पास पहले से ही कई महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी थी, जैसे जल संसाधन, लोक सेवा आयोग और घाटी विकास प्राधिकरण। अब वे मुख्यमंत्री सचिवालय के प्रमुख अफसर के तौर पर भी कार्य करेंगे।
अधिकारियों को नए विभागों का अतिरिक्त प्रभार
तबादला आदेश के तहत कई प्रमुख अधिकारियों को नए विभागों का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। नीरज मंडलोई को एसीएस ऊर्जा विभाग और पावर मैनेजमेंट कंपनी का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया, जबकि मनु श्रीवास्तव को ऊर्जा विभाग से हटाकर उन्हें खेल एवं युवा कल्याण विभाग का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
उमा कांत उमराव को प्रमुख सचिव श्रम विभाग से हटाकर खनिज और श्रम विभाग का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। इसके साथ ही उन्हें पशुपालन और डेयरी विभाग की जिम्मेदारी भी दी गई है। इसी तरह गुलशन बामरा को प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य विभाग बनाया गया है। बामरा, जिन्हें पहले पशुपालन विभाग से हटाया गया था, अब जनजातीय मामलों पर ध्यान देंगे।
अन्य अहम तबादले
– प्रियंका दास को मिशन संचालक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से हटाकर अपर सचिव एमएसएमई बनाया गया।
– श्रीमन शुक्ला को शहडोल संभाग का आयुक्त बनाया गया, जबकि सुरभि गुप्ता को शहडोल का नया आयुक्त नियुक्त किया गया।
– दिलीप कुमार को प्रबंध संचालक, कृषि विभाग से हटाकर आयुक्त उद्योग और लघु उद्योग निगम का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया।
– पंकज जैन को प्रबंध संचालक, पब्लिक हेल्थ सर्विसेज कॉर्पोरेशन से हटाकर मध्यप्रदेश भवन विकास निगम का प्रबंध संचालक और सदस्य सचिव, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया।
– अनुराग चौधरी को एमडी, खनिज निगम से हटाकर अपर सचिव, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में पदस्थ किया गया।
अधिकारियों की नियुक्तियों में संतुलन का प्रयास
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस बार सीएम सचिवालय में बढ़ी अफसरों की संख्या को संतुलित करने का प्रयास किया है। इससे पहले, सीएम सचिवालय में दो प्रमुख सचिव और एक एसीएस स्तर के सीनियर अधिकारी पदस्थ थे, जिनकी संख्या अब कम कर दी गई है। यह फैसला सचिवालय के कार्यों को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए लिया गया है।
आधी रात के आदेशों की परंपरा जारी
यह पहला मौका नहीं है जब आधी रात के समय तबादला आदेश जारी किए गए हैं। इससे पहले भी कई बार मध्यप्रदेश सरकार ने आधी रात को मंत्रालय खोला और तबादला आदेश जारी किए। मुख्यमंत्री मोहन यादव की सरकार ने पिछले आठ महीनों में कुल 9 सूची जारी की हैं, जिनमें 144 अधिकारियों के तबादले किए गए। इनमें से छह सूची रात 12 बजे के बाद जारी की गईं। यह अधिकारियों के तबादले की एक नई परंपरा बन चुकी है, जो सुर्खियों में रही है।
मध्यप्रदेश में प्रशासनिक फेरबदल की यह प्रक्रिया मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सरकार की प्रशासनिक कार्यशैली को दर्शाती है। जहां एक ओर अफसरों के तबादलों से नए नेतृत्व को मौका मिलता है, वहीं दूसरी ओर इस तरह के त्वरित और बड़े पैमाने पर किए गए फेरबदल प्रशासनिक संतुलन को बनाए रखने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माने जाते हैं।








