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Sidhi24news;मोदी सरकार ने रद्द किए 6 करोड़ राशन कार्ड, कहीं आपका नाम तो नहीं

Sidhi24news;मोदी सरकार ने रद्द किए 6 करोड़ राशन कार्ड, कहीं आपका नाम तो नहीं!

नई दिल्ली।राशन कार्डों के डिजिटलीकरण और सुधार की दिशा में मोदी सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इन प्रयासों के परिणामस्वरूप देश की सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) में पारदर्शिता आई है, और इसके साथ ही सरकार ने करीब 6 करोड़ राशन कार्ड रद कर दिए हैं। इन राशन कार्डों की पहचान आधार और ईकेवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) के माध्यम से की गई। यह कदम अपात्र लाभार्थियों को हटाने, वितरण में हेरफेर को रोकने और सरकारी लाभों को सही लोगों तक पहुंचाने के उद्देश्य से उठाया गया है।

फर्जी राशन कार्डों की पहचान और रद्दीकरण

सरकार ने पाया कि डिजिटलीकरण की प्रक्रिया में करीब 5.80 करोड़ से अधिक राशन कार्ड फर्जी थे। इन कार्डों की पहचान आधार और ईकेवाईसी के माध्यम से की गई। इसके बाद इन कार्डों को रद्द कर दिया गया, जिससे सार्वजनिक वितरण प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ी है और गलत तरीके से राशन लेने वालों की संख्या कम हुई है। अब सही लाभार्थियों को ही राशन मिल रहा है, जिससे वितरण प्रणाली में सुधार हुआ है।

80 करोड़ लोग प्राप्त कर रहे हैं मुफ्त राशन

केंद्र सरकार वर्तमान में 80 करोड़ 60 लाख लोगों को 20.4 करोड़ राशन कार्डों के माध्यम से मुफ्त राशन प्रदान कर रही है। इन राशन कार्डों का 99.80 प्रतिशत आधार से लिंक हो चुका है, जिससे लाभार्थियों तक राशन सही तरीके से पहुंचे। देश भर के 5.33 लाख ई-पीओएस (इलेक्ट्रॉनिक प्वाइंट आफ सेल) उपकरणों के जरिए उचित मूल्य की दुकानों से खाद्यान्न का वितरण किया जा रहा है। इसके जरिए हर लाभार्थी की पहचान आधार के माध्यम से की जाती है, जिससे वितरण में पारदर्शिता बनी रहती है।

संपूर्ण वितरण प्रक्रिया का कंप्यूटीकरण

खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग ने राशन कार्डों के वितरण को पूरी तरह से कंप्यूटरीकृत कर दिया है। अब सभी राशन कार्डों की जानकारी डिजिटल रूप से संकलित की जाती है, जिससे लाभार्थियों की पहचान और राशन वितरण की प्रक्रिया अधिक सरल और पारदर्शी हो गई है। ई-पीओएस उपकरण के माध्यम से वितरण के दौरान लाभार्थी के आधार का प्रमाणीकरण किया जाता है, जिससे केवल पात्र लाभार्थियों को ही राशन मिलता है। इस प्रक्रिया के कारण वितरण में हेर-फेर की संभावना बहुत कम हो गई है।

ईकेवाईसी और आधार प्रमाणीकरण

सरकार ने ईकेवाईसी की प्रक्रिया को भी तेज किया है। अब तक 64 प्रतिशत लाभार्थियों का ईकेवाईसी पूरा हो चुका है। शेष लाभार्थियों के ईकेवाईसी का कार्य जारी है। ईकेवाईसी प्रक्रिया के माध्यम से राशन कार्डधारियों की पहचान उनके आधार से जुड़ी जानकारी के आधार पर की जाती है, जिससे अपात्र लाभार्थी अपने आप बाहर हो जाते हैं। इसके परिणामस्वरूप, गलत लाभार्थियों को हटाया जा सकता है और राशन वितरण प्रणाली में सुधार होता है।

वन नेशन, वन राशन कार्ड

सरकार ने ‘वन नेशन, वन राशन कार्ड’ योजना भी लागू की है, जिसके तहत देश के किसी भी हिस्से में रहने वाला लाभार्थी अपने मौजूदा राशन कार्ड से राशन प्राप्त कर सकता है। इस योजना से लाभार्थियों को एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने पर भी राशन प्राप्त करने में कोई समस्या नहीं होगी। आधार से जुड़ा होने के कारण वितरण प्रणाली में पारदर्शिता बनी रहती है और किसी भी लाभार्थी का राशन कार्ड दोहराया नहीं जा सकता।

निष्कर्ष

मोदी सरकार की यह पहल राशन वितरण प्रणाली में सुधार, पारदर्शिता और सही लाभार्थियों तक राशन पहुंचाने के लिए महत्वपूर्ण है। डिजिटलीकरण और आधार आधारित सत्यापन के कारण अपात्र लाभार्थियों की पहचान हो रही है, और यह प्रणाली अधिक न्यायपूर्ण और प्रभावी बन रही है।

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