आय से अधिक संपत्ति के मामले में विद्युत वितरण कंपनी के अभियंता की नई विसंगति उजागर
नरसिंहपुर/कटनी, 12 मई 2025
मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में पदस्थ कार्यपालन अभियंता यू.एस. पाराशर के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में एक और गंभीर अनियमितता सामने आई है। जानकारी के अनुसार, कोर्ट में लंबित प्रकरणों के चलते पाराशर की 5 मई को पदोन्नति स्थगित कर दी गई थी और उन्हें वापस सहायक अभियंता के पद पर रखा गया था, फिर भी वह कार्यपालन अभियंता के पद पर बना रहा।
छापे में मिला करोड़ों का काला सच
आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) द्वारा शनिवार को की गई छापेमारी में पाराशर के नरसिंहपुर स्थित निवास और फैक्ट्री से ₹5.5 करोड़ से अधिक की संपत्ति का खुलासा हुआ। यह संपत्ति उनकी ज्ञात आय से कहीं अधिक पाई गई, जिसके आधार पर उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और आय से अधिक संपत्ति का प्रकरण दर्ज किया गया है।
प्रमोशन पर भी संदेह
यू.एस. पाराशर को 25 नवंबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में सहायक अभियंता से कार्यपालन अभियंता पद पर पदोन्नति दी गई थी। इसके बाद अन्य कर्मचारियों की याचिकाओं पर कोर्ट द्वारा कंपनी को स्थगन आदेश मिल गया। इसके चलते कंपनी की महाप्रबंधक नीता राठौर ने पाराशर की पदोन्नति को 5 मई 2025 को स्थगित कर दिया, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने कार्यपालन अभियंता के रूप में कार्य करना जारी रखा।
संपत्ति का ब्यौरा:
- दो मकान (एक तीन मंजिला व एक दो मंजिला) — अनुमानित मूल्य ₹1.5 करोड़
- कॉमन बायोकेमिकल वेस्ट फैक्ट्री, ग्राम बिनैर, करेली — मूल्य लगभग ₹3 करोड़
- वाहन — पाँच चार पहिया वाहन और एक दुपहिया वाहन (मूल्य ₹60 लाख)
- नकद राशि — ₹18.16 लाख
- कीमती फर्नीचर एवं अन्य सामग्री — ₹36.43 लाख
इस मामले ने सरकारी विभागों में व्याप्त भ्रष्टाचार और पदों के दुरुपयोग पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब निगाहें इस पर हैं कि कंपनी और प्रशासन इस पर क्या अगला कदम उठाते हैं।








