मध्यप्रदेश के 5 लाख कर्मचारियों को मिलेगा प्रमोशन का तोहफा, वर्षों बाद खुलेगा तरक्की का रास्ता
भोपाल, 26 मई 2025 – मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य के लाखों कर्मचारियों को बड़ी राहत देते हुए पदोन्नति प्रक्रिया शुरू करने का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में यह फैसला लंबे समय से रुके प्रमोशन मामलों को सुलझाने के उद्देश्य से लिया गया है, जिससे लगभग 4.75 लाख से अधिक कर्मचारी लाभान्वित होंगे।
वर्षों का इंतजार होगा खत्म
प्रदेश के शिक्षक, पटवारी, स्वास्थ्यकर्मी, पुलिसकर्मी और अन्य तृतीय श्रेणी के कर्मचारी वर्षों से एक ही पद पर कार्यरत थे। अब सरकार सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए वर्टिकल रिजर्वेशन के आधार पर पदोन्नति देने की तैयारी में है।
प्रक्रिया को मिल रही गति
तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के महामंत्री उमाशंकर तिवारी ने बताया कि कई कर्मचारियों को पूर्व नियमों के तहत एक से अधिक बार प्रमोशन मिल चुका है, जबकि कुछ अब भी वंचित हैं। ऐसे में हाई कोर्ट के निर्देशों के अनुसार योग्य कर्मचारियों को जल्द ही पदोन्नत किया जाएगा।
न्यायिक दिशा में उठाया गया कदम
ज्ञात हो कि वर्ष 2002 में प्रमोशन में आरक्षण लागू होने के बाद यह मामला कई बार न्यायालयों में चुनौती का विषय बना। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि बिना क्रीमी लेयर को अलग किए आरक्षण देना अवमानना होगा। सपाक्स के प्रदेश अध्यक्ष केएस तोमर ने भी इसे संविधानसम्मत प्रक्रिया बनाने की मांग की है।
राजनीतिक समीकरण भी जुड़ें
राज्य सरकार का यह निर्णय आगामी 2028 विधानसभा चुनाव और निकाय चुनावों की दृष्टि से भी अहम माना जा रहा है। लाखों कर्मचारियों की नाराजगी किसी भी सरकार के लिए नुकसानदेह हो सकती है, ऐसे में मोहन सरकार का यह कदम कर्मचारियों को साधने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है।
राज्य के कर्मचारी संगठनों ने सरकार की इस पहल का स्वागत किया है। अब देखना यह है कि यह प्रक्रिया कितनी तेजी से पूरी होती है और कितने कर्मचारियों को इससे प्रत्यक्ष लाभ मिल पाता है।








