9 साल बाद मप्र में पदोन्नति के नए नियम लागू, अगले दो वर्षों में 4.5 लाख कर्मचारियों को मिलेगा फायदा
भोपाल, 20 जून 2025
मध्यप्रदेश में नौ वर्षों के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार ‘मप्र लोकसेवा पदोन्नति नियम 2025’ लागू कर दिए गए हैं। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा गुरुवार को इसकी अधिसूचना जारी की गई, जो तत्काल प्रभाव से लागू मानी जा रही है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा 8 अप्रैल को की गई घोषणा के बाद 17 जून को कैबिनेट में इन नियमों को स्वीकृति दी गई थी। अब आगामी 10 दिनों में मंत्रालय के अधिकारियों-कर्मचारियों को पदोन्नति मिलेगी, वहीं जुलाई के अंत तक अन्य विभागों में पात्र कर्मचारियों को इसका लाभ दिया जाएगा।
दो वर्षों में होंगे 4.5 लाख प्रमोशन, फिर निकलेंगे 2 लाख नए पद
नए नियमों के तहत अगले दो वर्षों में प्रदेश के 4.50 लाख कर्मचारियों और अधिकारियों को पदोन्नति दी जाएगी। इसके बाद अनुमानित 2 लाख पद रिक्त हो जाएंगे, जिन पर अगले चार वर्षों के भीतर भर्तियाँ की जाएंगी।
नियमों की प्रमुख बातें
- दो बार डीपीसी: चालू वित्तवर्ष में दो बार डीपीसी (विभागीय पदोन्नति समिति) आयोजित की जाएगी—पहली जून-जुलाई में और दूसरी सितंबर-अक्टूबर में। इसके बाद हर वर्ष केवल सितंबर-अक्टूबर में डीपीसी होगी।
- दो माह में ज्वाइन जरूरी: पदोन्नति प्राप्त करने वाले कर्मचारियों को दो माह के भीतर जॉइन करना अनिवार्य होगा। ऐसा न करने पर अगले 5 वर्षों तक पदोन्नति नहीं मिलेगी।
- वसूली वाले कर्मचारी: जिन पर सरकारी वसूली के आदेश हैं, वे 100% राशि जमा करने के एक साल बाद ही पदोन्नति के पात्र होंगे।
एससी-एसटी को आरक्षण बरकरार
नए नियमों में अनुसूचित जाति (एससी) को 16% और अनुसूचित जनजाति (एसटी) को 20% पदोन्नति आरक्षण दिया गया है। क्लास-1 पदों पर मेरिट-कम-सीनियरिटी और निचले पदों पर सीनियरिटी-कम-मेरिट के आधार पर पदोन्नति होगी। डीपीसी में भी एससी/एसटी वर्ग के अधिकारी अनिवार्य रूप से शामिल किए जाएंगे।
योग्यता और प्रतिबंध
- जिन कर्मचारियों पर निलंबन, आरोपपत्र, आपराधिक आरोप, या कोर्ट में चालान की प्रक्रिया चल रही है, वे पदोन्नति के लिए अयोग्य माने जाएंगे।
- नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कठोर कार्रवाई का प्रावधान है।
सरकार ने उठाया कानूनी कदम
नए नियमों को लेकर संभावित कानूनी चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार ने हाईकोर्ट में कैविएट दायर करने का निर्णय लिया है। सामान्य प्रशासन विभाग के उप सचिव अजय कटेसरिया ने बताया कि जबलपुर समेत सभी खंडपीठों में कैविएट प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है।
विवाद की आहट
विभिन्न कर्मचारी संगठनों, खासकर सपाक्स जैसे समूहों ने आरक्षण और आर्थिक आधार पर पदोन्नति में आरक्षण देने के प्रावधानों का विरोध शुरू कर दिया है। वहीं, अजाक्स और मंत्रालयीन कर्मचारी संघ फिलहाल नियमों का समर्थन कर रहे हैं।
???? पदोन्नति नियम 2025 : अब तक की प्रमुख समय-रेखा
- अप्रैल 2016: पदोन्नति की प्रक्रिया पूरी तरह रुकी
- 8 अप्रैल 2025: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पदोन्नति की घोषणा की
- 10 जून 2025: कैबिनेट में प्रस्ताव पर चर्चा
- 17 जून 2025: कैबिनेट से मंजूरी
- 19 जून 2025: अधिसूचना जारी








