ज्युडिशियरी में बड़े स्तर पर स्थानांतरण: 18 जिला सत्र न्यायाधीश बदले
जबलपुर।
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने न्यायपालिका में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल किया है। 18 जिला एवं सत्र न्यायाधीशों के स्थानांतरण के साथ सात रिक्त पदों पर फैमिली कोर्ट के प्रधान न्यायाधीशों की पदस्थापना के आदेश जारी किए गए हैं।
मुख्य स्थानांतरण
- अयाज मोहम्मद (पन्ना) को इंदौर।
- नवीर अहमद खान, अध्यक्ष, मध्य प्रदेश राज्य वक्फ ट्रिब्यूनल (भोपाल) को हरदा।
- शिवलाल केवट (सांवर, इंदौर) को जैसिंहनगर, शहडोल।
- उषा तिवारी (जावरा, रतलाम) को नसरुल्लागंज, सीहोर।
- उमेश कुमार पटेल (आष्टा, सीहोर) को इंदौर।
- कपिल सोनी (मंडलेश्वर, खरगौन) को ग्वालियर।
- श्वेता तिवारी (जबलपुर) को रतलाम।
- विजय कुमार पांडेय (शहडोल) को सिरोंज, विदिशा।
फैमिली कोर्ट पदस्थापना
- रामा जयंत मित्तल (सीधी) को इंदौर।
- मनोज कुमार लढ़िया (निवास, मंडला) को अनूपपुर।
- अरविंद कुमार जैन (छतरपुर) को रायसेन।
- अरुण प्रताप सिंह (जबलपुर) को उमरिया।
- अवधेश कुमार गुप्ता (डिंडोरी) को शाजापुर।
- मुन्नालाल राठौर (टीकमगढ़) को डिंडोरी।
विधि स्नातकों का नामांकन
हाई कोर्ट ने विधि स्नातकों के नामांकन में देरी को लेकर दायर जनहित याचिका पर निर्देश दिए हैं।
निर्देश:
- एमपी स्टेट बार काउंसिल को दो सप्ताह के भीतर आवेदकों का अस्थायी नामांकन पूरा करने के आदेश।
- अस्थायी नामांकन जांच के परिणामों से बाध्यकारी होंगे।
यह याचिका हाई कोर्ट बार एसोसिएशन, इंदौर के पूर्व संयुक्त सचिव राकेश सिंह भदौरिया ने दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि नामांकन प्रक्रिया में देरी के कारण 6,000 विधि स्नातक प्रभावित हो रहे हैं।
न्यायालय का संदेश
मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति विवेक जैन की पीठ ने जनहित याचिका का निपटारा करते हुए स्टेट बार काउंसिल को तेजी से कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
इस बदलाव और निर्देशों के बाद न्यायपालिका और विधि व्यवस्था में सुधार की उम्मीद की जा रही है।








