कजाकिस्तान में पैसेंजर प्लेन क्रैश, 39 के मारे जाने की आशंका
अक्ताऊ। बुधवार सुबह कजाकिस्तान के अक्ताऊ शहर में एक पैसेंजर प्लेन क्रैश हो गया। अजरबैजान एयरलाइन्स के एम्ब्रेयर 190 विमान में 62 यात्री और 5 क्रू मेंबर्स सवार थे। हादसे में अब तक 28 लोगों को बचा लिया गया है, जिनमें 22 घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इनमें दो बच्चों की हालत गंभीर बताई जा रही है। अधिकारियों ने 39 लोगों के मारे जाने की आशंका जताई है।
घने कोहरे के कारण बदला गया रूट
प्लेन अजरबैजान से रूस के चेचन्या की राजधानी ग्रोज्नी जा रहा था। घने कोहरे के कारण फ्लाइट का रूट बदलना पड़ा। अक्ताऊ से करीब 3 किमी दूर पायलट ने इमरजेंसी लैंडिंग की कोशिश की। बताया जा रहा है कि लैंडिंग से पहले विमान ने एयरपोर्ट के कई चक्कर लगाए और पायलट ने इमरजेंसी लैंडिंग की परमिशन मांगी।
हालांकि, हालात बिगड़ने के कारण पायलट को एयरपोर्ट के पास बीच पर विमान उतारना पड़ा। लैंडिंग के दौरान विमान क्रैश हो गया और उसमें आग लग गई।
दुर्घटना के पीछे संभावित कारण
कजाकिस्तान की ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री ने हादसे की स्पेशल जांच के आदेश दिए हैं। शुरुआती रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह हादसा पक्षियों के झुंड से टकराने या टेक्निकल खराबी के कारण हो सकता है।
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
कजाकिस्तान के इमरजेंसी मंत्रालय ने दुर्घटना स्थल पर 52 रेस्क्यू टीम और 11 रेस्क्यू इक्विपमेंट्स भेजे हैं। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में क्रैश के तुरंत बाद विमान में आग लगती दिख रही है।
पक्षियों का विमान से टकराना कितना खतरनाक?
विशेषज्ञों के अनुसार, पक्षियों का विमान से टकराना कई तरह से खतरनाक हो सकता है।
- इंजन में पक्षियों का घुसना: इंजन फेल होने की संभावना।
- विंडशील्ड से टकराना: पायलट की विजिबिलिटी और सुरक्षा प्रभावित।
- विंग्स और टेल से टकराना: विमान की एयरोडायनामिक क्षमता पर असर।
एम्ब्रेयर 190: रीजनल एयरलाइन का भरोसेमंद विमान
एम्ब्रेयर 190 एक दो-इंजन वाला रीजनल जेट है, जिसे 2004 में लॉन्च किया गया था। इसमें 90-98 यात्री और क्रू मेंबर्स के बैठने की क्षमता है। यह सिंगल-आइल विमान 4000 किमी तक की यात्रा कर सकता है। इसे मुख्य रूप से छोटी और मध्यम दूरी की उड़ानों के लिए डिजाइन किया गया है।
सरकारी बयान: “दुर्घटना की विस्तृत जांच की जा रही है, और पीड़ितों के परिजनों को हर संभव सहायता दी जाएगी।”
हादसे ने कजाकिस्तान और अजरबैजान समेत कई देशों को झकझोर कर रख दिया है। इस तरह की दुर्घटनाओं से विमानन सुरक्षा पर एक बार फिर सवाल खड़े हुए हैं।








