सीधी में झोलाछाप डॉक्टर ने ले ली महिला कि जान,बंगाली डाक्टर के इलाज से 33 वर्षी महिला की मौत
सीधी- जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सेमरिया से जुड़ा हुआ मामला सीधी जिले के चुरहट थाना पुलिस चौकी सेमरिया अंतर्गत झगरहा निवासी राजेश शुक्ला ने पुलिस को जानकारी देते हुए बताया कि मेरी पत्नी सुर्कीता शुक्ला उम्र 33 वर्ष कि अचानक तबीयत खराब हो गई 10:00 के करीब इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सेमरिया लाया लेकिन डॉक्टर मौजूद न होने के कारण सेमरिया हनुमानगढ़ तिराहा के पास बंगाली डॉक्टर के क्लीनिक में ले गया डॉक्टर ने एक सुई लगाई और मेरी पत्नी की तबीयत बिगड़ने लगी कुछ समय बाद महिला बोली भी बंद हो गई आनन फानन पर सामुदायिक स्वास्थ्य सेमरिया लाया गया तब तक काफी देर हो चुकी थी सी पदक चिकित्सक ने महिला को मृत्यु घोषित बताया वही परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है सेमरिया मैं झोलाछाप डॉक्टरों का बोलबाला है कारण कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सेमरिया में कहने के लिए कई डॉक्टर है लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि डॉक्टर मिलते ही नहीं कई घंटों तक मरीज को डॉक्टर को ढूंढना पड़ता है और मजबूरी में झोलाछाप डॉक्टरों के पास इलाज करवाने के लिए मजबूर होना पड़ता है वही देखा जाए तो झोलाछाप डॉक्टरों की सेमरिया में भरमार है और झोलाछाप डॉक्टर के प्रति जिम्मेदार अधिकारी भी कार्यवाही करने से कतराते रहते हैं और लोगों को अंतत अपनी जान गवानी पड़ रही है।
जिले में जिम्मेदारो की लापरवाही से फैला झोलाछाप डाक्टरों का जाल
सीधी जिले में जिम्मेदार स्वास्थ्य अमले की लापरवाहियों के चलते झोलाछाप डॉक्टरों का लंबा जाल बिछा हुआ है इन्हें ना तो किसी कार्यवाही का डर है ना ही किसी अधिकारी का सेमरिया में घटित यह घटना कोई पहली घटना नहीं है। इसके पहले भी कई लोग इनके इलाज से अपनी जान गवा चुके हैं। कोरोना कल के दौरान सिहावल क्षेत्र में एक पत्रकार तक को झोलाछाप के इलाज ने मौत के मुंह में पहुंचा दिया । बावजूद इसके जिला मुख्यालय से लेकर दूरस्थ ग्रामीण अंचलों तक बिना किसी डिग्री डिप्लोमा के फर्जी झोलाछाप डॉक्टर एवं बंगालियों का गोरख धंधा चल रहा है। जिनके द्वारा मनमाने तौर पर गरीब ग्रामीणों का इलाज किया जा रहा है। लेकिन उनकी ओर कभी किसी के द्वारा ध्यान नहीं दिया जाता। जिला मुख्यालय से लगे शिवपुरवा गांव में एक बंगाली द्वारा बकायदे प्रधानमंत्री आवास में अपना प्राइवेट क्लीनिक संचालित किया जा रहा है और यह कहा जाता है कि मैं विगत 20 सालों से यहां हूं मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता लेकिन उस पर कार्यवाही नहीं हो रही है। शायद सेमरिया की तरह किसी घटना का यहां भी इंतजार है। गौर करने वाली बात यह है कि शासन प्रशासन एवं स्वास्थ्य अमले को सक्रिय होकर इन पर नकेल कसने की आवश्यकता है नहीं तो ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति होती रहेगी।








