Sidhi News: संजय टाइगर रिजर्व की आइकॉनिक बाघिन मौसी, बहन के बच्चों को पाला, अब खुद है 4 शावकों की मम्मी
सीधी. मध्य प्रदेश के सीधी जिलें के संजय दुबरी टाइगर रिजर्व में जहां बाघों का कुनवा बढ़ा रहा है, वहीं इस पार्क में छोटी बड़ी सहित तमाम समस्याओं की भी अंबर है. रेलवे ट्रैक जहां वन्य जीव प्राणियों के लिए खतरा बना है वहीं विस्थापन टाइगर रिजर्व के लिए सिर दर्द बना हुआ है. यहां मौसी के नाम से जानी जाने बाली बाघिन का बढ़ रहे बाघों के कुनबे के पीछे बड़ा योगदान है. यह बाघिन इस टाइगर रिजर्व की आइकॉनिक टाइगर्स है, जिसने अपने कजिन बाघिन के मौत के बाद उसके 4 शावकों को पाला, जबकि उसके 3 शावक पहले ही थे. इसके बाद भी अपने शावकों के साथ ही कजिन बाघिन के शावकों को पाल कर इस रिजर्व की आइकोनिक बाघिन बन गाई है. उसने हाल ही में 4 नन्हे शावकों को जन्म दिया है. मौसी अक्सर अपने नन्हें शावकों के साथ देखी जा रही है.
सीधी जिले का संजय टाइगर रिजर्व तुलनात्मक रूप से एक नया टाइगर रिजर्व है, लेकिन पिछले 5 सालों में लगातार यहां बाघों का कुनबा बढ़ रहा है. वही इस पार्क में छोटी बड़ी सहित तमाम समस्याओं का अंबर है. यह एक ऐसा पार्क है जिसके बीचो-बीच कटनी सिंगरौली रेलवे लाइन गुजरी हुई है. वहीं 40 से अधिक गांव का विस्थापन होना है, जो बेहतर मुआवजा राशि नहीं मिलना और राजस्व विभाग की हीला हवाली के चलते अधर में लटका हुआ है. इस पार्क में पिछले कई सालों से बाघों का कुनबा बढ़ रहा है बल्कि देश-विदेश सहित अन्य प्रदेशों और विदेशी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है.
आकर्षण का केंद्र है बाघिन T28
इस पार्क में पर्यटकों को आकर्षण करने वाली बाघिन T 28 है, जो अपने कजिन के मौत के बाद अपने 3 शावकों के साथ कजिन के भी 4 शावकों को पाला है. वह भी एक-दो दिन नहीं बल्कि डेढ़ साल लगातार जब सभी शावक शिकार करने के लिए सक्षम हो गए तब मौसी के नाम से जानी जाने बाघिन ने सभी शावकों को अकेले शिकार के लिए छोड़ा. यह बाघिन इस टाइगर रिजर्व की आईकॉनिक टाइगर्स है, जिसने अभी हाल ही में नन्हे शावकों को जन्म दिया है. इस बात को संजय टाइगर रिजर्व के सीसीएफ अमित दुबे भी स्वीकार रहे हैं।








