Sidhi24news:कुसमी के आधा दर्जन से अधिक रोजगार सहायको के परिवार पर भोजन का संकट, 5 माह से नही मिल रहा वेतन
सीधी-मध्य प्रदेश में यदि अधिकारियों की बात की जाए तो अधिकारियों मे तानाशाही का आलम दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है और वो खुलकर मनमानी का काम करते जा रहे है।जिस पर शासन की नजर विलकुल ही नही पड रही है। जिसका खामियाजा फील्ड के कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है।
कुछ ऐसा ही मामला सीधी जिले के कुसमी जनपद पंचायत मे देखने को मिल रहा है।जहां कुसमी जनपद पंचायत के 7रोजगार सहायको को उनके पंचायत मे वित्तीय अनिमितता के प्रथम दृष्टिया दोषी मानकर सातो रोजगार सहायको को जिला पंचायत सीधी में अटैच कर लिया गया है।
जिस पर बताया जा रहा है कि सभी 7रोजगार सहायको ने हाई क़ोर्ट से स्टे लेकर सीधी जिला पंचायत के अधिकारियो के दफतर मे पहुचा भी दिये है। फिर भी जिला पंचायत सीधी के अधिकारी हाई कोर्ट के आदेश को अनदेखा कर अमल मे नही लिये और ऐसे मे हाई कोर्ट के आदेश की अवहेलना भी हो रही है।जबकि हाई कोर्ट के आदेश मे रोजगार सहायक वित्तीय अनिमितता के आरोपी हो ही नही हो सकते है।
इसके बाद ये कुसमी जनपद पंचायत के सातो जीआरएस जिसमे अमरोला,शंकरपुर, कतरवार,रामपुर ठाडीपाथर गोतरा टमसार करीब 5 माह से अवैतनिक है। इनके पूरे मामले मे हुयी कार्यवाही की चर्चा दिन प्रति दिन जोर पकड रही है।
बताते चले कि कुसमी के ये 7रोजगार सहायको को 5माह से वेतन नही दिया गया है।जिससे इनके परिवार का पालन पोषण रूक गया है,सेठ साहूकार इन्हे समान नही दे रहे है।कई तो अपने बच्चो के एडमीशन के लिये दूसरो से कर्ज लेकर एडमीशन और कापी पुस्तक खरीदकर किसी तरह काम चला रहे है और अपना परिवार विना बेतन के पाल रहे है।हलाकि खबर चलाने के मामले मे जब हमने एकाद से राय ली तो वह जिला प्रशासन और वरिष्ठ अधिकारियो के खिलाफ बोलने से इनकार कर दिये है मगर परिवार का दर्द आखिर कही न कही तो परिवार से छलक ही जाया करता है।ऐसे मे क्या जिला पंचायत सीईओ एवं क्षेत्रीय विधायक एवं सासंद का ध्यान क्या इस ओर जायेगा या फिर ये इसी तरह अवैतनिक होकर अटके रहेगें।








