Sidhi24news:महिलाओं के नाम पर होगी प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के घरों की रजिस्ट्री, पुरुषों के नाम नहीं होगा पंजीकरण
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के दूसरे चरण में एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है, जिसके तहत अब योजना के तहत निर्मित सभी घरों का पंजीकरण केवल महिला लाभार्थी के नाम पर किया जाएगा। महिला सशक्तीकरण की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, सरकार ने यह फैसला लिया है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गांवों में बनाए गए घरों का पंजीकरण अब महिला सदस्य के नाम पर ही किया जाएगा। इसके बाद, केवल महिला के नाम पर या संयुक्त नामों पर ही पंजीकरण होगा, जबकि पुरुषों के नाम पर अब पंजीकरण की अनुमति नहीं होगी।
महिलाओं के नाम पर पंजीकरण: सरकार का बड़ा कदम
ग्रामीण विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस फैसले की पुष्टि करते हुए बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में घरों का पंजीकरण महिला लाभार्थी के नाम पर ही सुनिश्चित किया जाएगा। यह कदम महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और उनके स्वामित्व अधिकारों को मजबूत करने के उद्देश्य से उठाया गया है। अधिकारी ने यह भी बताया कि योजना में घरों का पंजीकरण करने के लिए दो विकल्प होंगे: एक तो महिला के नाम पर अकेले, और दूसरा महिला के नाम पर संयुक्त रूप से। हालांकि, अब तक पंजीकरण केवल पुरुषों के नाम पर किया जा रहा था, जिसे अब समाप्त कर दिया गया है।
महिला स्वामित्व में बढ़ोतरी: आंकड़े और लक्ष्य
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत अब तक 75 प्रतिशत घरों का स्वामित्व महिलाओं के नाम पर है, चाहे वह अकेले या संयुक्त रूप से हो। यह आंकड़ा सरकार के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि यह महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम को दर्शाता है। अब सरकार का उद्देश्य इसे 100 प्रतिशत तक बढ़ाना है। इस प्रकार, दूसरे चरण में महिला लाभार्थियों के स्वामित्व वाले घरों की संख्या में और वृद्धि की उम्मीद है।
पीएम आवास योजना का दूसरा चरण और सर्वे प्रक्रिया
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) ने बुधवार को अपनी आठवीं वर्षगांठ मनाई। इस योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2016 में आगरा से की थी। अब, दूसरे चरण के तहत योजना को और विस्तार देने के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय ने प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके तहत, “आवास प्लस-2024” सर्वे लॉन्च किया गया है, जिसका उद्देश्य पात्र लाभार्थियों की पहचान करना है। मंत्रालय ने यह सुनिश्चित करने के लिए नए उपाय किए हैं कि सर्वे के दौरान किसी को जानबूझकर लाभार्थियों की सूची से बाहर न किया जाए। इसके तहत अब “सेल्फ सर्वे” की सुविधा भी प्रदान की गई है, जिसमें लाभार्थी अपनी फोटो के साथ ऐप पर आवेदन कर सकते हैं।
सर्वे में नए सुधार और लाभार्थियों का चयन
सर्वे में दस महत्वपूर्ण बिंदु होंगे, जिनके आधार पर पात्र लाभार्थियों का चयन किया जाएगा। यह सर्वे 2011 की सामाजिक-आर्थिक गणना के आधार पर तैयार की गई सूची के आधार पर होगा, जिसे बाद में 2018 में अपडेट किया गया था। अब, इस सूची में 80 लाख नए लाभार्थियों का चयन किया जाएगा, और कुल मिलाकर दो करोड़ पीएम आवास बनाए जाने का लक्ष्य रखा गया है।
महिला सशक्तीकरण को प्राथमिकता
इस कदम के माध्यम से सरकार ने यह साफ कर दिया है कि महिला सशक्तीकरण उनकी नीति के प्रमुख तत्वों में से एक है। ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं अक्सर संपत्ति और स्वामित्व के अधिकारों से वंचित रहती हैं, और इस फैसले से उन्हें न केवल एक स्थिर और सुरक्षित जीवन मिलेगा, बल्कि उनका सामाजिक और आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा।
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) का उद्देश्य सिर्फ घर बनाना नहीं, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में महिला और पुरुष के समान अधिकारों को सुनिश्चित करना भी है। इस फैसले से यह साफ होता है कि सरकार की प्राथमिकता महिला सशक्तीकरण और समानता है।








