सीधी में मारपीट के दो मामलों में आरोपियों को सजा, अभियोजन अधिकारी की सशक्त पैरवी से न्याय हुआ
सीधी, मध्य प्रदेश: सीधी जिले में दो अलग-अलग मारपीट के मामलों में न्यायालय ने दोषियों को सजा सुनाई है। इन दोनों मामलों में सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी सुश्री सीनू वर्मा ने सशक्त पैरवी करते हुए आरोपियों को दोषी साबित किया और उन्हें कड़ी सजा दिलवाने में अहम भूमिका निभाई। न्यायालय द्वारा दिए गए इन फैसलों से यह साबित हुआ है कि शारीरिक उत्पीड़न और हिंसा के मामलों में कानून सख्त कार्रवाई करेगा और पीड़ितों को न्याय मिलेगा।
पहला मामला: उर्मिला कोल बनाम लल्लू कोल
घटना का विवरण:
सीधी जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र में 11 जून 2016 को एक मारपीट का मामला सामने आया। पीड़िता उर्मिला कोल ने पुलिस को बताया कि वह अपने घर के पास स्थित हैंडपंप से पानी भरने जाती थी और उसी रास्ते में लल्लू कोल नामक व्यक्ति पत्थर गाड़ रहा था, जिससे उर्मिला को घर आने-जाने में परेशानी हो रही थी। उर्मिला ने जब लल्लू से पूछा कि वह रास्ते में पत्थर क्यों गाड़ रहा है, तो इस पर लल्लू कोल गाली-गलौज करते हुए धमकाने लगा और कहा कि वह उसे इस रास्ते से नहीं जाने देगा, क्योंकि यह उसकी ज़मीन है।
इसके बाद लल्लू ने उर्मिला को हाथ-मुक्के से मारा और पत्थर से उसके दाहिने पैर पर हमला किया। इस हमले में उर्मिला को गंभीर चोटें आईं। लल्लू ने उर्मिला को जान से मारने की धमकी भी दी। डरी-डरी उर्मिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, और इसके आधार पर कोतवाली थाना में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 294, 323 और 506 भाग-2 के तहत मामला दर्ज किया गया।
कानूनी प्रक्रिया और न्यायालय का फैसला:
पुलिस ने मामले की जांच की और आरोपियों के खिलाफ अभियोग पत्र तैयार कर न्यायालय में पेश किया। मामले की सशक्त पैरवी सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी सुश्री सीनू वर्मा ने की। उन्होंने सभी साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर आरोपी लल्लू कोल को दोषी साबित किया। न्यायालय ने लल्लू को भारतीय दंड संहिता की धारा 325 के तहत दोषी ठहराया और उसे तीन महीने का सश्रम कारावास और 1000 रुपये जुर्माना लगाया।
महत्वपूर्ण भूमिका:
इस मामले में अभियोजन अधिकारी सुश्री सीनू वर्मा की सशक्त पैरवी से आरोपी को सजा मिल पाई। उनके प्रयासों से यह स्पष्ट हुआ कि पीड़िता को न्याय मिलना आवश्यक था, और न्यायालय ने अपने फैसले में यह सुनिश्चित किया कि शारीरिक हिंसा और धमकियों के मामलों में कड़ी सजा दी जाए।
दूसरा मामला: सुनील कुमार गुप्ता और उनके परिवार पर हमला
घटना का विवरण:
दूसरा मामला 17 मई 2016 का है, जब सुनील कुमार गुप्ता ने थाना कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि उस दिन चंद्रप्रताप गुप्ता उनके घर आए और बंटवारे के लिए दबाव बनाने लगे। सुनील ने जवाब दिया कि वह बंटवारे की बात नहीं करेगा, जिस पर चंद्रप्रताप का भाई संजय गुप्ता गुस्से में आ गया।
संजय ने डंडा लेकर सुनील की पीठ में मारा। इसके बाद, सुनील के बेटे विजय ने अपने पिता को बचाने की कोशिश की और वह भी घायल हो गया। विजय के सिर में टांगी लग गई और वह लहूलुहान हो गया। इस बीच, अन्य आरोपी, जैसे दिनेश और मुन्नी गुप्ता भी मारपीट में शामिल हो गए। संजय ने सुनील और उसके परिवार को धमकी दी कि अगर वह बंटवारे की बात दोबारा करेगा तो उसे जान से मार डालेगा।
कानूनी प्रक्रिया और फैसला:
इस घटना के बाद, सुनील ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई और भारतीय दंड संहिता की धारा 294, 323/34 और 506 के तहत मामला दर्ज हुआ। पुलिस ने मामले की जांच की और आरोपियों के खिलाफ अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। इस मामले में भी
फरियादी की उक्त रिपोर्ट पर
थाना कोतवाली सीधी, जिला सीधी म.प्र. द्वारा अपराध क्रमांक 396/2018 अंतर्गत धारा 294,
323/34 एवं 506 भा.दं.सं.,1860 पंजीबद्ध कर प्रकरण विवेचना में लिया गया, एवं विवेचना
पश्चात् अभियोग पत्र माननीय न्यायालय सीधी के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जिसके
न्यायालयीन प्रकरण क्रमांक 422/2016 में शासन की ओर से सशक्त पैरवी करते हुए सहायक
जिला लोक अभियोजन अधिकारी सुश्री सीनू वर्मा द्वारा आरोपीगण को संदेह से परे प्रमाणित
कराया गया, जिसके परिणामस्वरूप माननीय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, सीधी की
न्यायालय के द्वारा आरोपीगण 1. संजय गुप्ता पिता विंध्यवासिनी गुप्ता उम्र-46 वर्ष, 2. विजय
कुमार गुप्ता पिता समय गुप्ता उम्र-18 वर्ष, 3. दिनेश कुमार गुप्ता पिता विंध्यवासिनी गुप्ता उम्र-
32 वर्ष, 4. मुन्नी गुप्ता पिता संजय गुप्ता उम्र-40 वर्ष, सभी निवासी ग्राम कोतरकला, थाना
कोतवाली जिला सीधी म0प्र0 को भारतीय दण्ड संहिता की धारा-323/ 34 के अपराध में
न्यायालय उठने तक का कारावास एवं 500/- 500/- रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।








