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MP में 15 आईएएस अधिकारियों के तबादले, लोक निर्माण विभाग में बड़े बदलाव

MP में 15 आईएएस अधिकारियों के तबादले, लोक निर्माण विभाग में बड़े बदलाव

भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार ने रविवार रात 15 आईएएस अधिकारियों के तबादले किए। इन तबादलों में कई महत्वपूर्ण विभागों में फेरबदल हुआ है। लोक निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव केसी गुप्ता को हटाकर राज्यपाल का अपर मुख्य सचिव नियुक्त किया गया है। यह पहली बार है जब अपर मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी को राजभवन की जिम्मेदारी दी गई है।

मुख्यमंत्री कार्यालय में नियुक्तियां

  • मुख्यमंत्री सचिवालय में अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा की नियुक्ति पहले ही 8 महीने पूर्व हो चुकी थी।
  • अब मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर सचिव स्तर के अधिकारी के रूप में अरुण परमार को पदस्थ किया गया है। परमार पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में भी मुख्यमंत्री कार्यालय में कार्य कर चुके हैं।

लोक निर्माण और संसदीय कार्य विभाग में बदलाव

  • नीरज मंडलोई को लोक निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
  • अनुपम राजन को संसदीय कार्य विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

आईजी पंजीयन का प्रभार बदला

  • लंबे समय से आईजी पंजीयन का प्रभार संभाल रहे एम. सेलवेंद्रन को इस जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया गया है।
  • उनके स्थान पर अमित तोमर को आईजी पंजीयन और रजिस्ट्रेशन का कार्यभार दिया गया है। तोमर जीएडी में अपर सचिव (कार्मिक) का अतिरिक्त प्रभार भी संभालते रहेंगे।
  • सेलवेंद्रन के पास सचिव, किसान कल्याण और कृषि विकास विभाग तथा सचिव (कार्मिक) सामान्य प्रशासन विभाग का प्रभार यथावत रहेगा।

तबादलों का विधानसभा सत्र से जुड़ाव

16 दिसंबर से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र को ध्यान में रखते हुए इन तबादलों को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सरकार ने प्रशासनिक जिम्मेदारियों को सुव्यवस्थित करने और कार्यक्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से ये बदलाव किए हैं।

प्रमुख तबादले और उनके प्रभाव

  1. केसी गुप्ता: राजभवन में अपर मुख्य सचिव नियुक्त।
  2. नीरज मंडलोई: लोक निर्माण विभाग का अतिरिक्त प्रभार।
  3. अनुपम राजन: संसदीय कार्य विभाग के प्रमुख।
  4. अरुण परमार: मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर सचिव।
  5. अमित तोमर: आईजी पंजीयन और रजिस्ट्रेशन।

नए आदेशों के संभावित परिणाम

इन तबादलों से सरकार ने वरिष्ठ अधिकारियों को नई जिम्मेदारियां देकर प्रशासनिक ढांचे को मजबूत करने का प्रयास किया है। यह फेरबदल विधानसभा सत्र के सुचारु संचालन और आगामी प्रशासनिक चुनौतियों को देखते हुए किया गया है।

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