पटाखा फैक्ट्री विस्फोट में एमपी के 21 मजदूरों की दर्दनाक मौत, कई घायल
बनासकांठा (गुजरात) / मध्यप्रदेश: गुजरात के बनासकांठा जिले के डीसा में मंगलवार सुबह 8 बजे एक पटाखा फैक्ट्री के बॉयलर में हुए भीषण विस्फोट में मध्यप्रदेश के 21 मजदूरों की दर्दनाक मौत हो गई। धमाका इतना जबरदस्त था कि कई मजदूरों के शरीर के अंग 50 मीटर दूर तक बिखर गए। फैक्ट्री के पीछे स्थित खेतों में भी कुछ मानव अंग मिले हैं।

घटनाक्रम
विस्फोट के समय सभी मजदूर पटाखे बनाने के काम में लगे थे। धमाके के बाद आग लग गई, जिसे बुझाने में फायर ब्रिगेड को 5-6 घंटे लग गए। मरने वालों में 9 मजदूर देवास जिले के और 8 मजदूर हरदा जिले के थे। हादसे में 3 मजदूरों की हालत गंभीर बनी हुई है, जबकि 5 अन्य मामूली रूप से घायल हैं। सभी मजदूर महज दो दिन पहले ही काम की तलाश में गुजरात पहुंचे थे। बुधवार को मृतकों के शवों को मध्यप्रदेश लाया जाएगा।
मृतकों और घायलों की सूची
देवास के मृत मजदूर:
- लखन (24) पिता गंगाराम भोपा
- सुनीता (20) पति लखन भोपा
- केशरबाई (50) पत्नी गंगाराम भोपा
- राधा (11) पिता गंगाराम भोपा
- रुकमा (8) पिता गंगाराम भोपा
- अभिषेक (5) पिता गंगाराम भोपा
- राकेश (30) पिता बाबूलाल भोपा
- लाली (25) पत्नी राकेश भोपा
- किरण (5) पिता राकेश भोपा
- पंकज (ठेकेदार) – लापता
हरदा के मृत मजदूर:
- गुड्डी बाई (30) पति भगवान सिंह नायक
- विजय (17) पिता भगवान सिंह नायक
- अजय (16) पिता भगवान सिंह नायक
- कृष्णा (12) पिता भगवान सिंह नायक
- विष्णु (18) पिता सत्यनारायण सिंह नायक
- सुरेश (25) पिता अमर सिंह नायक
- बबीता (30) पति संतोष नायक
- धनराज बैन (18)
- दो अन्य मजदूर लापता – संजय नायक (12) और लक्ष्मी (50)

घायल मजदूर:
- राजेश (22) पुत्र सत्यनारायण नायक
- बिट्टू (14) पुत्र सत्यनारायण नायक
- विजय (23) पुत्र रामदीन काजवे
सरकार की घोषणाएं और मदद
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया है और मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है। गुजरात सरकार ने भी समान आर्थिक सहायता देने की बात कही है। हरदा विधायक डॉ. आर.के. दोगने ने मृतकों के परिवारों को 20-20 हजार रुपये देने की घोषणा की है।
जांच और प्रशासनिक कार्रवाई
हादसे के बाद मध्यप्रदेश सरकार ने अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री नागर सिंह चौहान को बनासकांठा भेजा है। साथ ही मृतकों की शिनाख्त और घायलों की मदद के लिए अधिकारियों की टीम भी गुजरात रवाना हुई है। इस दल में संयुक्त कलेक्टर संजीव नागू, उप पुलिस अधीक्षक अजाक सुनील लाटा, तहसीलदार टिमरनी डॉ. प्रमेश जैन, नायब तहसीलदार देवराम निहरता और रहटगांव के पुलिस उप निरीक्षक मानवेंद्र सिंह भदौरिया शामिल हैं।
फैक्ट्री में सुरक्षा नियमों की अनदेखी
दीपक ट्रेडर्स नाम की यह पटाखा फैक्ट्री खूबचंद सिंधी की है, जो बिना अनुमति के विस्फोटक सामग्री का उपयोग कर पटाखे बनवा रहे थे। जांच में पता चला कि कंपनी के पास केवल पटाखे बेचने का लाइसेंस था, लेकिन निर्माण का नहीं। स्थानीय पुलिस इस पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है।
प्रत्यक्षदर्शी का बयान
घायल मजदूर विजय ने मीडिया से बातचीत में बताया, “हम फैक्ट्री में काम कर रहे थे, तभी अचानक तेज धमाका हुआ और मैं बेहोश हो गया। जब आंख खुली तो चारों ओर आग लगी हुई थी। किसी तरह जान बचाकर फैक्ट्री से बाहर भागा।”
क्या इस हादसे से सबक लिया जाएगा?
यह हादसा केवल एक औद्योगिक दुर्घटना नहीं, बल्कि मजदूरों की सुरक्षा और फैक्ट्री प्रबंधन की लापरवाही का स्पष्ट प्रमाण है। बिना सुरक्षा मानकों के मजदूरों से खतरनाक काम करवाना, प्रशासन की निष्क्रियता और अवैध रूप से पटाखा निर्माण जैसी लापरवाहियों की वजह से 21 निर्दोष मजदूरों की जान चली गई। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस हादसे से सबक लेकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करता है या फिर यह मामला भी अन्य औद्योगिक दुर्घटनाओं की तरह भुला दिया जाएगा।








