Re. No. MP-47–0010301

सीधी कलेक्टर ने 27 अधिकारियों को थमाया शोकाज  नोटिस

सीधी कलेक्टर ने 27 अधिकारियों को थमाया शोकाज  नोटिस

शिकायतों के असंतोषजनक निराकरण पर एक वेतनवृद्धि रोकने की चेतावनी, तीन दिन में जवाब मांगा गया

सीधी, 22 मई।
जिले में सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से प्राप्त जनशिकायतों के संतोषजनक निराकरण में लापरवाही बरतने पर कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी ने सख्त रुख अपनाया है। दिनांक 20 मई को आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान जिन अधिकारियों की कार्यप्रणाली असंतोषजनक पाई गई, उन्हें कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। कलेक्टर ने इन अधिकारियों के विरुद्ध मप्र सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 9 (क) के अंतर्गत एक वेतनवृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकने की कार्यवाही प्रस्तावित की है।

इन विभागों के अधिकारियों को जारी किया गया नोटिस:

  1. जल संसाधन विभाग – कार्यपालन यंत्री
  2. स्वास्थ्य विभाग
    • मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी
    • सिविल सर्जन सह अधीक्षक
    • खंड चिकित्सा अधिकारी – विकासखंड रामपुर नैकिन, मझौली, सिहावल, कुसमी, चुरहट एवं सीधी
  3. हाथकरघा विभाग – प्रभारी अधिकारी, जिला हाथकरघा
  4. श्रम विभाग – श्रम पदाधिकारी, श्रम आयुक्त कार्यालय
  5. जनजातीय कार्य विभाग – सहायक आयुक्त
  6. लोक निर्माण विभाग – सहायक यंत्री, उपखंड मझौली, सीधी, रामपुर नैकिन
  7. लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग – सहायक यंत्री, मैकेनिकल विंग उपखंड सीधी
  8. जनपद पंचायतें – मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत सीधी, रामपुर नैकिन, कुसमी, मझौली, सिहावल
  9. नगर पालिका परिषद चुरहट – मुख्य नगर पालिका अधिकारी
  10. खाद्य सुरक्षा विभाग – खाद्य सुरक्षा अधिकारी
  11. वन विभाग – वन परिक्षेत्र अधिकारी, टमसार, व्यौहारी बफर, दुबरी (संजय टाइगर रिजर्व, सीधी)

लापरवाही से बिगड़ी ज़िले की ग्रेडिंग:
कलेक्टर ने कहा कि इन विभागों द्वारा शिकायतों के निराकरण में रुचि नहीं ली जा रही है, जिसके कारण शिकायतें अनावश्यक रूप से उच्च स्तर तक स्थानांतरित हो रही हैं। इससे न केवल संबंधित विभाग की ग्रेडिंग सी या डी में दर्ज हो रही है, बल्कि ज़िले की समग्र ग्रेडिंग पर भी प्रतिकूल असर पड़ा है।

नोटिस में स्पष्ट निर्देश:
जारी नोटिस में कहा गया है कि संबंधित अधिकारी तीन दिवस के भीतर लंबित शिकायतों का संतोषजनक निराकरण कर उसका विवरण प्रतिवेदन सहित प्रस्तुत करें। साथ ही यह स्पष्ट करें कि क्यों न उनके विरुद्ध एक वेतनवृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकने की कार्यवाही की जाए। निर्धारित अवधि में जवाब नहीं मिलने की स्थिति में एकतरफा कार्रवाई की जाएगी।

प्रशासन की सख्त मंशा:
इस कदम से स्पष्ट है कि जिला प्रशासन शिकायतों के समाधान को लेकर गंभीर है और जनसुनवाई तंत्र को प्रभावी बनाना उसकी प्राथमिकता है। सीएम हेल्पलाइन जैसी व्यवस्था की विश्वसनीयता बनाए रखने हेतु अब लापरवाह अधिकारियों पर ठोस कार्रवाई की जा रही है।

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