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एमपी में संविदा कर्मचारियों के तबादलों की राह खुली: पंचायत विभाग ने लागू की नई नीति, तय की प्रक्रिया और शर्तें

एमपी में संविदा कर्मचारियों के तबादलों की राह खुली: पंचायत विभाग ने लागू की नई नीति, तय की प्रक्रिया और शर्तें

भोपाल। मध्यप्रदेश में अब संविदा कर्मचारियों का भी स्थानांतरण (ट्रांसफर) संभव होगा। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने इस संबंध में 23 मई 2025 को विस्तृत तबादला नीति जारी की है, जो 30 मई तक प्रभावशील रहेगी। इस नीति से प्रदेशभर के करीब ढाई लाख संविदा कर्मचारियों को राहत मिलने की उम्मीद है। पहले केवल नियमित कर्मचारियों के ट्रांसफर की व्यवस्था थी, लेकिन अब संविदा कर्मचारियों के लिए भी स्थान परिवर्तन की औपचारिक प्रक्रिया तय कर दी गई है।

एग्रीमेंट खत्म करके ही होगा ट्रांसफर

नई नीति के अनुसार, संविदा कर्मचारियों को तबादले के लिए सबसे पहले अपने वर्तमान कार्यस्थल का एग्रीमेंट समाप्त करना होगा। इसके बाद नए कार्यस्थल पर नियमानुसार नया संविदा एग्रीमेंट करना अनिवार्य होगा। इस प्रक्रिया को “स्थान परिवर्तन” नाम दिया गया है। संविदा नियुक्तियों में यह पहली बार है जब राज्य सरकार ने इस तरह की स्पष्ट और लिखित ट्रांसफर पॉलिसी तैयार की है।

इन शर्तों पर होगा स्थान परिवर्तन:

  • कर्मचारी को वर्तमान एग्रीमेंट समाप्त करना होगा।
  • नए स्थान पर कार्यभार ग्रहण करने के लिए नई संविदा अनुबंध की प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
  • एग्रीमेंट की प्रति संबंधित योजना के राज्य कार्यालय को भेजनी होगी।
  • एक बार स्थान परिवर्तन होने के बाद अगले पांच साल तक तबादला नहीं होगा।
  • स्थान परिवर्तन आदेश के दो सप्ताह के भीतर कार्यमुक्त होना जरूरी है।
  • नई पोस्टिंग पर यात्रा भत्ता, छुट्टी या अन्य वित्तीय लाभ नहीं मिलेंगे।

जिले के भीतर ट्रांसफर कैसे होगा:

पंचायत विभाग के निर्देशानुसार, एक मई से 30 मई 2025 के बीच कलेक्टर द्वारा जिले के भीतर ट्रांसफर किया जा सकेगा, लेकिन इसके लिए प्रभारी मंत्री की अनुमति आवश्यक होगी। जिले में कार्यरत संविदा कर्मचारियों की कुल संख्या का केवल 10% ही इस तबादला प्रक्रिया के तहत स्थानांतरित किया जा सकेगा।

अंतर जिला ट्रांसफर की प्रक्रिया:

  • अंतर जिला ट्रांसफर केवल स्वैच्छिक आवेदन पर ही किए जाएंगे।
  • विवाहित, विधवा और तलाकशुदा महिलाएं उस जिले में ट्रांसफर की पात्र होंगी जहां उनका ससुराल, पति का निवास या स्वयं का परिवार रहता हो।
  • कैंसर, ब्रेन ट्यूमर जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित कर्मचारी या उनके आश्रितों को प्राथमिकता दी जाएगी।
  • समान पद पर कार्यरत दो संविदा कर्मचारियों के बीच परस्पर स्वैच्छिक ट्रांसफर भी संभव होगा।

आवेदन की प्रक्रिया:

स्थान परिवर्तन के लिए कर्मचारी को आवेदन राज्य योजना कार्यक्रम अधिकारी को भेजना होगा। अधिकारी आवेदन की जांच कर नियमानुसार निराकरण करेंगे और पात्र पाए गए आवेदन पर स्थान परिवर्तन की स्वीकृति प्रदान करेंगे।

यह नीति वर्तमान में पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग में लागू की गई है, लेकिन संभावना है कि अन्य विभाग भी इसी प्रकार की तबादला नीति अपने-अपने संविदा कर्मचारियों के लिए लागू करेंगे।

संविदा कर्मचारियों के लिए यह नीति एक बड़ी प्रशासनिक पहल मानी जा रही है। इससे उन्हें पारदर्शिता, सुविधा और न्याय के साथ कार्यस्थल बदलने का अवसर मिलेगा, जो अब तक केवल उच्चाधिकारियों की सहमति पर निर्भर होता था। इससे विभागीय संचालन में अधिक दक्षता और कर्मचारियों में संतुष्टि का माहौल बनेगा।

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