संजय टाइगर रिजर्व में मिले बाघ के अवशेष, विभाग ने शुरू की जांच
सीधी। संजय टाइगर रिजर्व क्षेत्र से बाघ के अवशेष बरामद होने से वन विभाग में हड़कंप मच गया है। जानकारी के अनुसार यह मामला 8 नवंबर 2025 को सामने आया, जब ब्यौहारी परिक्षेत्र के अंतर्गत ग्राम बोचरो में एक खेत से दुर्गंध आने की सूचना स्थानीय लोगों ने दी। सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और जांच में जो सामने आया, उसने सभी को चौंका दिया।
क्षेत्र संचालक अमित कुमार दुबे ने बताया कि सूचना मिलते ही सहायक परिक्षेत्राधिकारी ब्यौहारी द्वारा तत्काल कार्रवाई की गई। वनकर्मी दल और डॉग स्क्वाड को साथ लेकर खेत का निरीक्षण किया गया। जांच के दौरान खेत में बने दो गड्ढों से एक बोरी, बालों के गुच्छे और अन्य स्थानों से वन्यप्राणी के अंग बरामद किए गए। प्राथमिक जांच में यह स्पष्ट हुआ कि ये अवशेष संभवतः बाघ के हैं।
यह खेत संजय टाइगर रिजर्व और उत्तर शहडोल वनमंडल की सीमा पर स्थित है, जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि घटना दोनों क्षेत्रों से जुड़ी हो सकती है।
फॉरेंसिक जांच के लिए भेजे गए नमूने
बरामद अवशेषों की जांच डॉक्टरों के दल द्वारा राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) के दिशा-निर्देशों के अनुसार की गई। डॉक्टरों ने विसरा नमूने एकत्र कर उन्हें फॉरेंसिक जांच हेतु भेजा है, ताकि यह निश्चित किया जा सके कि अवशेष वास्तव में बाघ के ही हैं या नहीं।
वन विभाग ने की एफआईआर दर्ज, संदिग्धों से पूछताछ जारी
इस मामले में वन अपराध प्रकरण क्रमांक 468/01 दिनांक 08.11.2025 पंजीबद्ध कर विवेचना प्रारंभ की गई है। कुछ संदिग्धों को चिन्हित कर पूछताछ की जा रही है। विभाग का मानना है कि यह वन्यजीव अपराध का गंभीर मामला हो सकता है।
NTCA अधिकारियों की मौजूदगी में किया गया नष्टिकरण
प्रोटोकॉल के तहत राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के प्रतिनिधि कैलाश तिवारी, क्षेत्र संचालक अमित कुमार दुबे और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में बरामद बाघ के अवशेषों को नियमानुसार जलाकर नष्ट किया गया।
इस घटना से क्षेत्र में सनसनी फैल गई है। बाघ की मृत्यु के वास्तविक स्थान और कारण का पता लगाने के लिए जांच तेज कर दी गई है। वन विभाग ने स्थानीय लोगों से अपील की है कि यदि किसी को घटना से संबंधित कोई जानकारी हो, तो वह तुरंत विभाग को सूचित करे ताकि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जा सके।








